
ग्लेन पॉवेल ने कॉलेज फुटबॉल मैच में जान-बूझ कर ताली बजाने की घटना के पीछे की सच्चाई साझा की है। उन्होंने इसे काले जादू नहीं बल्कि एक मासूम सफ़ेद झूठ बताया है, जिसका मकसद खेल के माहौल को हल्का-फुल्का और मनोरंजक बनाए रखना था।
पॉवेल के अनुसार, मैच के दौरान अचानक से ताली बजाना एक ऐसा तरीका था जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों का ध्यान भटक जाता है, और खेल में थोड़ी बहुत रणनीति भी जुड़ जाती है। यह घटना उतनी ही मजेदार थी जितनी कि अनोखी, क्योंकि यह दर्शाती है कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा ही नहीं बल्कि मनोरंजन का भी साधन है।
ग्लेन पॉवेल की कहानी से हमें जो बातें समझनी चाहिए वे हैं:
- खेल के दौरान छोटी-छोटी चीजें भी खेल के माहौल को प्रभावित कर सकती हैं।
- कभी-कभी रणनीतियों में थोड़ी चतुराई और रचनात्मकता भी शामिल होती है।
- खेल में इमानदारी के साथ-साथ मनोरंजन भी जरूरी है।
इस प्रकार, ग्लेन पॉवेल की इस घटना ने यह साबित किया कि खेल में स्फूर्ति और मस्ती को भी जगह मिली है, जो हार-जीत के अनुभव को और भी यादगार बना देती है।